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पत्थर hindiakvita स्वभाव तकदीर सह नहीं बुढापा किसलिए है रहा है है पाता कौन है क्यू है क्या खोया क्या पाता हिन्दीकविता विरह तमन्ना पाता हूँ जोश तुझमें

Hindi पाता है Poems